Friday, March 4, 2016

सराब

रेत पर दौड़ते दौड़ते धोखा सा हो गया
दूर जो देखा था पानी वो सराब भर था

थक गया हूँ अब तन्हा चला नहीं जाता।

Chased for an Oasis, a mere Mirage,
Too tired am I now to Walk Solitary.

No comments:

Post a Comment