पहियों तले रास्ते
अक्सर भागते फिसलते हैं,
बस धुंदली लकीरें दिखती हैं।
पैदल मगर,
रास्ते अपना नाम बता
हमारे साथ चल पड़ते हैं।
रास्तों से पहचान हो जाती है।
अक्सर भागते फिसलते हैं,
बस धुंदली लकीरें दिखती हैं।
पैदल मगर,
रास्ते अपना नाम बता
हमारे साथ चल पड़ते हैं।
रास्तों से पहचान हो जाती है।
Wonderfully expressed. So true.
ReplyDelete