Friday, October 31, 2014

क़ायनात

जिस्म की ईंटें, छत, जज़्बों के रंगों का मकान
है तो ज़मीन पर कहीं न रही फिर कैसा मकान

जैसे क़ायनात मेरी वैसे क़यामत भी मेरी, तुम।

House of the Body Painted with Emotions,
On Earth, yet if  Earth goes, What House?

As are My Cosmos so My Dissolution, You.

ज़ंग

मुश्किल से घुमते थे कुछ एक आध गीयर ढर्रे के मारे
बाक़ी के पुर्ज़ों में कुछ गुम कुछ बंद पड़े थे, ज़ंग लगे से

अंग्रेज़ी में लिखा था तुमने मेरी नई-नई उर्दू को चाहते।

Just a few Gears Spun of Routine, rest Lost or Rusted,
You then Wrote in English, Loving my Nascent Urdu.

Thursday, October 30, 2014

सिर्फ

ख़ुशी
साँसें

तुम।

Joy
Air

You.




कितना?

है कितना ऊँचा आसमां
है वक़्त की कितनी उम्र

तुमसे मेरा कितना प्रेम?

Height of the Sky
The Age of Time 

My Love for You.

'नॉर्मल'

जिसे दुनिया 'नॉर्मल' कहे, वैसी तो नहीं ज़्यादा आदतें
न किसी भीड़ का हिस्सा न ही भीड़ की कभी चाहत है

तुमने कहा था इक बार के कहीं भाग चलते हैं, याद है?

Barely any Habits, that the World'll call Normal
Neither a Part of the Crowd nor the Wish of One

You'd once suggested- 'Let's Elope!'; Remember?

नेरूदा

वो लफ़्ज़, वो सोच, वो ताक़त, वो हिम्मत और वो सब्र
वो चेहरा, वो आँखें, वो ज़ुल्फ़ें, वो आवाज़ और वो होंठ

ज़हन में तुम्हारी तस्वीर, नज़रों में नेरूदा के अलफ़ाज़।

Words, Thoughts, Strength, Courage & Patience
That Face & Eyes, those Tresses & Voice & Lips 

Your Visage on My Mind, I read Neruda's Words.

पैनी

बहता नहीं जो नमक आँख का, वो पथरा गया है
रह रह के टीस उठती है, बड़ी पैनी चोट है उसकी

तवज्जो न दो शायद, हर पल याद करता हूँ तुम्हे।

Unflowed Salt from the Eyes has turned Stone
Pangs Pinch now & then, too Sharp's Its Hurt

You mightn't See, I Think of You every Moment.

Wednesday, October 29, 2014

ज़िल्द

फड़फड़ा कर, पन्ना पन्ना हुआ जा रहा है
बाँध रखने की ताक़त ज़िल्द की और नहीं

बिखरा जा रहा हूँ मैं, मुझे बटोर लो जाना।

Leafs Flap loose, Crumbling Binding,
Gather Me Dear for I am Scattering.

आई iv

तब लगा था, के वो अचानक था
पर लगता है, शायद होना ही था

सालों से थी तुम, पर आई तब थी।

What Seemed Sudden was perhaps, only Meant to Be,
Though around since Years, Only Then You'd Arrived.

सच कहूँ

जैसे झुण्ड से हैं हर्फों के, लफ़्ज़ों के
कतार में पढ़ें तो नज़्म सी लगती है

सच कहूँ जाना तो, वो सच हैं मेरा।

Like Crowds of Alphabets and Words
They Read like Verses if Read in Line

Tell You the Truth, They are my Truth.

मेरी

प्रति शब्द का स्रोत
प्रति सोच की प्रेरणा

मेरी म्यूज़, तुम ही।

Source, Inspirations,
My Muse- Only You.


Tuesday, October 28, 2014

मुख़ातिब

रात भर जुड़ीं रहतीं हैं हथेलियाँ
या क़लम से मुख़ातिब रहती हैं

ज़रिये हैं मेरे इबादत में तुम्हारी।

Folded through the Night or with a Pen,
My Media All for My Obeisance to You.

  

रौशन आंच

अँधेरी सर्द सी जो जी रही थी रूह
रौशन है अब ज़िंदगी की आंच में

कभी मैं भर था, फिर तुम आ गई।

Cold Dark Soul, Alight with Life's Warmth,
Once it was a Mere Me, then You Arrived.


चमक

खूब कहतीं हैं फिर भी यूँ हैं जैसे कुछ तो छुपाए हुए हैं 
लगता है हमेशा जैसे अपनी ही रौशनी में चमकतीं हैं

तुम कहती हो लेँसेस हैं, मैं कहता हूँ, नहीं तुम ही हो। 

Speak yet not All; Shining as if of their Own Light,
You say it's just Your Lenses, I say, No, Only You.

पसंद

बस अदना ही सा, ऐसा कोई ख़ास ज़हीन नहीं
तलाश मुसलसल जारी रहती है, मज़मूनों की

तुम बताओ, आज तुम्हारी पसंद का लिखूँगा।

Quite Ordinary; in Constant search of Themes,
You Choose, I will Write of Your Choice today.


मुसलसल- Constant/ Continuous; मज़मून- Topic/ Theme

अकेला

देख रहा है वो घर की राह
इक मकां अकेला खड़ा है

अब तुम भी आ ही जाओ।

Lonely House Awaits a Home,
You too Please just Come Now. 

Monday, October 27, 2014

एहमियत

मिट्टी पानी सूरज हवा जो साथ घुलें, तो साँसें ज़िंदा होतीं हैं
पर ख़ुद से ज़्यादा जब किसीको चाहा, तब जाकर वो जीतीं हैं

लफ़्ज़ों में कभी मैं बता न पाऊँगा तुम्हारी एहमियत मेरे लिए।

Earth Water Sun Air fuse to make Life 
Love beyond one's own Brings it Alive

Words can't Express what You are to Me.

कुछ देर

मौसम फिर बदला है अचानक, बरस रहा है हलके
न काम कोई न मशक्क़त फिर भी साँसें हांफती हैं 

ज़रा अपनी गोद में जाना, सर रख लेने दो कुछ देर।

Raining Mild as Weather Turned again; Breathless sans Exertion,
Just for a while Dear, Let me Rest My weary Head in Your Bosom.

पता

हाँ, पता तो है अपनी मंज़िल का पर उसका ठीक पता है नहीं
नज़र आती है उफ़क़ पर, पर पहुँचने का उस तक रास्ता नहीं

कुरेद दो बदन पे मेरे इक नक्षा तुम तक उँगलियों से अपनी।

Destination Known, Visible yet no correct Address nor Path,
On My Skin with Your Fingers, Etch Me A Map towards You.

बाक़ी हैं

पहचान मुक़म्मल एक अभी कहाँ पूरी हो सकी है, कई दूरियाँ हैं
अभी नज़रों में सब कुछ कहाँ आया है, न रूबरू हुए न छुअन हुई

ऊँगली ज़ुबां से भिगोए पलटना, अभी और पन्ने बाक़ी हैं मुझ में।

Neither Fully Seen nor Touched nor Fully Known, Distances Still,
Turn with a Tongue Moist Finger, There're Leafs yet Unread in Me.

Sunday, October 26, 2014

साथ साथ

अक़्सर कोई बात नहीं होती है दरमियान
ज़मीं घूमती है शाँत, ठहरे आस्मां के संग

ख़ूब ग़ुज़री है रात बैठे ख़ामोश साथ साथ।

Earth Spins Wordless, Serene with the Sky Around,
A Beautiful Night spent Together in Scenic Silence.

ख़ूब

आवाज़ ज़रा भी नहीं
बातें ख़ूब हुईं फिर भी

तुम्हारी आँखे, पलकें।

Spoken well Voiceless
Your Eyes, Eyelashes.

Saturday, October 25, 2014

हाथ

बीते हालात आज से टकराए हैं
अनजाने में, फिर भी दर्द तो है

हाथ माफ़ी में, फिर भी जुड़े हैं।

Circumstances Past, Clash with the Present
Though Unknowingly; Yet there is the Pain

For Forgiveness, Hands Humbly Folded yet.

परतें

रंगों से पुकारते हैं अपनी महक से ये रिझाते हैं
आब ए हयात मग़र फूल के अंदर ही मिलता है

कई परतें जो छीलनि बाक़ी हैं मेरे मरकज़ तक।

They draw from Far with Their Colours and Fragrance
But reaching Nectar needs reaching the Flower's Core

Many Layers yet to be Peeled before My Core's reached.


आब ए हयात- Nectar;  मरकज़- Nucleus, used here to mean 'Core'


Wednesday, October 22, 2014

तुम्हारे पास

समझा जाना किसीसे ठीक जैसा मैं हूँ;
अपनाया जाना उसी से ठीक जैसा के मैं हूँ;
फिर चाहा जाना उसी बात के लिए ठीक जैसा मैं हूँ;
उसका अपनी दिल की बातें, शरारतें, उम्मीदें, सपने;
दर्द, तकलीफें, डर, ख़ौफ़ बेझिझक मुझ से कह देना;
और मेरा बस सुनते जाना, सुनते जाना;
हर तरह की बातें उस से कहना उस से बाँटना;
फ़ोन के थर्राने का रौशन होने का इंतज़ार करना;
फिर देर उस आवाज़ में गुम हो जाना;
या बस बैठे एसएमएस भेजते रहना ;
बातों के बीच कही अचानक कुछ बार
उस सर्गोश बात पर मुस्कुरा देना कभी हँस देना,
कभी जवाब वैसे ही देना कभी ज़ोर से कहकर देना;
उसे गा कर सुनाना, उसके लिए गाना;
नए लफ़्ज़ तलाशना, उसके लिए खूब लिखना;
कभी पढ़ने को भेजना, कभी पढ़कर सुनाना;
और कभी अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड कर भेजना;
उसकी तस्वीरों का मिलना, उन्हें देर तक देखते रहना
और कभी उसी से बातें करना उसे गा कर सुनाना;
अपनी भी तस्वीर उस बीमार से कैमरे से खींच उसे भेजना
और फिर घबराते मुस्काते जवाब की राह देखना;
अच्छी इत्मिनान नींद में सोना, सपनों में उसके साथ होना-
कभी साइकल पे बिठाए घुमाना कभी नदी किनारे टहलना,
उसीकी लिखी कहानी कभी उसीकी ज़ुबानी सुनना,
कभी हाथ थामे चाँदनी मैं बैठना कभी ख़ामोश बातें करना,
साथ साथ नंगें पाँव कभी सुबह की ओसीली घाँस पर चलना,
उसके सभी स्कूल के शहरों की साथ में सैर करना,
कभी गोद में बिठाए अपने हाथों से पिज़्ज़ा खिलाना,
बच्चों सी तोतली ज़ुबाँ में कभी आपस में बात चीत करना;
इक दूजे के पहलू में कभी बस चैन से सो जाना,
कभी गर्मी की सुबह बिस्तर पर कोल्ड कॉफ़ी पिलाना,
उसकी लिखी क़िताब में उसका पहला ऑटोग्राफ़ लेना,
आँखों का उन गहरी सियाह आँखों में कभी बस देखते ही रहना,
कभी उसे पढ़ते देखना कभी सोते तो कभी टीवी देखते देखना,
उसका कभी सीने पर हाथ फेरते मेरी हाँफती साँसों को संभालना,
उसके रुखसारों से आँसू चूमकर पौंछ कभी अपनी बाहों में भींच लेना,
बारिश में भीग कभी भागते भागते घर लौटना,
कभी बाहों में उठाए हलके से माथे को चूम लेना और
कभी चीनी और पानी सा इक दूजे में बस गुम होना, समा जाना;
दिन भर तंदुरुस्त और खुश मिज़ाज रहना;
जानना कि उसकी फ़िक्र मैं करूँ तो उसे अच्छा लगता है,
उसे तस्सली रहती है के हर सूरत में मैं उसका हूँ और उसके साथ हूँ;
उसकी ख़ुशी के बारे में सोचना हर वक़्त;
खुद पर उसे पूरा और हर एक हक़ देना;
गुम रहना दिन भर उसी के ख़यालों में फिर भी,
हर काम हर ज़िम्मेदारी बखूबी पूरी कर लेना;
सोच सोच अकेले में पहली मुलाक़ात के बारे में,
पहली छुअन के बारे में कुछ शर्माके मुस्कुराते रहना;
पहली बार गले लगने और उस पहले बोसे के बारे में
सोच सोच घबराना, मुस्कुराना फिर काम पर ध्यान लगाना;
स्केचबुक में लकीरें खींच उम्मीद करना के उसे आँका है,
फिर उसमे पेस्टल के रंग भर सोचना के उसीके रंग हैं;
दिन गिनते रहना, राह ताक़ते रहना;
साथ आने वाले कल के लिए सोचना, काम करना, सहेजना;
भगवान अल्लाह के नाम पर न सही
पर किसी रूहानी ताक़त पर इक भरोसा सा करना;
खुद के अंदर उसकी लौ, उसकी रौशनी महसूस करना;
देना उसे और बस देते रहना उसे अपना सब कुछ;
नीम सजदे में बैठना उसके, उसकी दिली इबादत करना;
सिर्फ़ उस ही के लिए जीना फिर उस ही के लिए फ़ना हो जाना;

वो तुम हो, तुम ही तो हो जाना,
ख़ुशियाँ तमाम मेरी अब तुम्हारे ही पास हैं,
इतनी इल्तिजा है तुम से के बस-
नाज़ुक हैं ये बिलकुल काँच से,
इन्हें, संभाल कर रखना।




Monday, October 20, 2014

आई iii

बंजर खाली नज़रों की हद तक कोरा
भटकता बेमक़सद पुराना ज़र्द पड़ता

सियाही की पहली बूँद सी, तुम आई।

Arid, Blank, Aged Yellow, Aimless, Adrift,
Just like its First drop of Ink, You Arrived.

आई ii

तीसरी पंक्तियाँ त्रिवेणियों की
जैसे नज़्में सारी ज़िन्दा हो गईं

महीनों पहले उस रोज़ तुम आई।

Third Lines of Trivenis, All Verses came Alive,
All these Months ago That Day, You Arrived.

आई i

यक़ीन खो गया था खुद पर
पहचान खो गई थी खुद की

सूखे में बरसात सी तुम आई।

Lost Self Belief & Lost Self Identity,
Like Rain in a Drought, You Came.

बेसब्र

सच ख़याली जज़्बाती बेबाक़ निडर
नर्म सख़्त दर्द ख़ुशी सवाल जूनून

बेसब्र इंतज़ार है, तुम फिर लिखो।

Fearless, Imaginative, Emotional, Truthful, Asking, Passionate,
Become an almost Breathless Wait now for You to Write Again.

एहमियत

लिखने पढ़ने की ही बातें दोहराई हैं कुछ बार से
इक ख़ास एहमियत है आखिर, लफ़्ज़ों की यहाँ

तुम्हे कैसा बताना, तुम तो बखूबी जानती हो न?

Been Echoing about the Written and the Read
Words, after all, Hold a Special Significance

What to tell You, You Know it well, Don't You?

कहना

आँखों के इशारे न चहरे का इज़हार न ही बोली का लहज़ा
रोज़ाना लिखे लफ़्ज़ भर हैं बस जज़्बात ज़ाहिर करने को

कभी कभी कहो तुम्हे कैसे लगते हैं, सुन अच्छा लगेगा।

No Expressions, No Voice; Only written Words of Emotions
Do Say sometimes How you find them, 'd be Good to Know.

Sunday, October 19, 2014

पढ़ा

काले हर्फ़ों लफ़्ज़ों में, ज़िंदा हो उठे
जब भी मिले हैं नए लगे हैं किरदार

बड़ी देर तक आज मैंने तुम्हे पढ़ा।

New every time, Characters Born of Inked Words
A Long time Today, I sat Bespelled, Reading You.

बावजूद

साफ़ था, है और रहेगा हमेशा मन
मायूसी के बावजूद जज़्बात वही हैं

सच ही कहना आता है मुझे, जाना।

A Clear Conscience Always, Same Emotions despite All,
Dear, I Don't know anything other than Speak the Truth.

रेशम

हौले हौले से जैसे रेशम बहता हो
होश ओ शऊर को सुकूँ में डुबोते

फिर कब सुनूँगा आवाज़ तुम्हारी...

Like Silk Flows and Calms the Senses,
When would I hear Your Voice Again...


होश ओ शऊर- Consciousness and Sense

Saturday, October 18, 2014

पता है?

कोई पहली बार तो नहीं, हाँ पर पहले जैसा भी तो नहीं
सब कुछ वैसा ही तो है, हाँ पर वैसा ही कुछ भी तो नहीं

तुम्हे पता है क्या जाना, इतना दर्द क्यों हो रहा है मुझे?

Not the First Time yet Nothing's like the First Time
All looks as it was yet Nothing's like the way It Was

Do You know My Dear, Why am I Hurting so Much?

सूफ़ी

तन घट खाली मन घट खाली बस माटी की देह
अंतर घट लौ अनंत वो साधी, पवन धूप या मेह  

अपना सारा तुझको देकर, मैं साझा सूफ़ी भेस।  

Empty Mind Empty Body, a Shell of Earthen Vein
A Timeless Flame burns Within, Wind Sun or Rain

All of Mine I Give to You, I've turned a Sufi Swain.

इबादत

हाथ जुड़े रहे रात भर, धड़कनें सिसकतीं रहीं
साँसें उथली थीं, बंद आँखें नमी से लड़तीं रहीं

मैं बस तुम्हारे नज़र हूँ, इबादत मेरी तुमसे है।

Folded Hands, Sobbing Beats, Shallow Breaths, Wet Eyes, All Night,
It is only You am Devoted to, For You & To You is my Every Prayer.

बुलबुला

एहसास सा इक ज़रूर है उसका पर नज़र नहीं आता वो
कई बार टूटा टूटा मालूम होता है, पर फिर बन जाता है

तुम शायद कहोगी, 'अपने ही बुलबुले में रहते हो तुम।'

Oft Felt yet Invisible, Oft Crumbled yet Restored,
You might say, 'You just live in your own Bubble.'

ख़्वाब था

पलटते पन्नों की सरग़ोश सरसराहट
की-बोर्ड पर चलती उँगलियों की टाप

नींद नहीं फिर भी ख़्वाब था, तुम्हारा।

Whispered Rustle of Turning Pages
Taps as Fingers Trot the Keyboard

Wasn't Asleep yet Dreamed, of You. 

राह

जो हरक़त थी सीने में कमज़ोर है बहुत
धुंधला नज़र आता है सब नम आँखों से

खो गया हूँ मैं जाना, राह दिखादो मुझे।

Beats in the chest Weakened, All's a Blur through Moist Eyes,
Don't know where I am Lost Dear, Please Show me the Path.

Thursday, October 16, 2014

मुआफ़ करना

कब तक पंजर में रहेगा जाने, भारी है बहुत
है तो शायद सब कुछ पर बचा कुछ भी नहीं

मुआफ़ करना जाना, आज न लिख पाउँगा।

All's There yet All's Lost, Dead Weight within the Rib Cage
Please do Forgive me Dear, Am just unable to Write Today.

यहाँ वहाँ

रात की रज़ाई हटाए दिन मॉर्निंग वॉक पर निकला है
सो ही रहें हैं वो, कुछ सुबहों की नींद ख़ैर अभी बाक़ी है

सुबह के साढ़े सात बजे हैं, तुम्हारे वहाँ सुबह के चार।

Day's off for a Morning Walk, few Days still have some Sleep 
Morning Seven Thirty here, Where You are it is Morning Four.

था

बेजान बिखरे टुकड़े थे ठन्डे
बटोर मुक़म्मल ज़िन्दा हुए

बस था  ही मैं, फिर तुम आई।

Cold Scattered Fragmented, now One, Alive
I was barely just There, then You Happened!

वही-नई

वही लफ़्ज़ हर्फ़ वही, बासी से लगते हों शायद
जिस सोच का ज़रिया हैं, वो सुबह सी ताज़ी है

तुम रोज़ वही लगती हो तुम रोज़ नई लगती हो।

Stale same Words and Alphabets, yet Fresh Thoughts,
You seem same every day, yet You are New Every Day.


रौशनी

वो पहलु, वो कोने भी दिखने लगे 
जिनके वजूद का पहले पता न था

रौशनी हो तुम जाना, मेरी रूह की। 

Corners & Aspects of Unknown Existence Appeared,
O Beloved, You are that Light of My Soul, My Spirit. 

सिलवटें

लिखा है मखमली सिलवटों की ज़ुबानी
ताहज़िंदगी रूह पर वो छपी हुई मिलेगी

पढ़ना तुम मुझे सियाहज़दा क़ाग़ज़ हूँ मैं।

In the Words of Velvety Folds
Printed Eternally on the Soul

Read Me Dear, am Inked Paper.


सियाहज़दा- unsure if it is a true word; concocted for poetic purposes meaning 'with ink'.

स्माइली

हलकी धुँधली तस्वीर सी है मन में जो नौ साल पहले देखि थी
पिछले नौ महीनों में सिर्फ तस्वीरें रही हैं और उसकी कल्पना

स्माइल न देख सकूँ भले, तुम्हारी स्माइली से ख़ुश हो जाता हूँ।

A Faint Memory of 9 years ago, Pictures and Imaginations since 9 months,
I might yet not have seen the Smile, but even Your Smiley makes Me Happy.

Wednesday, October 15, 2014

सरग़ोश

क्यों कैसे कोई बात बड़ी भा जाती है कभी किसीकी
एहसास वो क्यों होता है ऐसा क्या पता बस होता है

वो तीन सरग़ोश लफ़्ज़ जो कहती हो मेरे कानों में।

Why One loves something of Someone? No Clue, Just Does,
The Three Whispered Words of Yours in my Ears, Magical!

ग़िरफ़्तार

गहरी झील है इक सियाह, हलकी रौशनी में भी चमकती
ख़ामोशी सी कहतीं हैं कितनी बातें, कितनी छुपा लेतीं हैं

तस्वीर में ही सही, ग़िरफ़्तार कर लेतीं हैं आँखें तुम्हारी।

A Shining, Deep, Inky Lake, Revealing and Mysterious too,
Even when just in Pictures, You just Arrest with Eyes, You.

वजह

बीमार गुज़रे हैं बीते कुछ रोज़ साँसों की तंगी में
माज़ी फिर भी मुस्कान की वजह भेजा करता था

फिर कहूँगा जाना, जो लिखता हूँ वो मेरा सच है।

Past few Ill days, yet Memory sent Reasons to Smile,
I'll say again Dear, What I Write's always My Truth.

Tuesday, October 14, 2014

ज़रिया

दिल ओ ज़हन को ज़रिया है ज़ुबान का
ज़ुबान की आवाज़ लगभग चली गई है

तुम्हे लिखता हूँ तुम्हारे लिए लिखता हूँ।

Heart and Mind's Speech, Lost its Voice
I Write You, that is why, I Write for You.


नौ साल

लाल कुर्ती, गहरी ग्रे जींस, जूट हैंड-बैग, चश्मे
भूरा कुरता, हल्का ग्रे कार्गो, नीली टोपी, चश्मे

नौ साल पहले उस रोज़ कुछ घंटे, साथ थे हम।

Kurti, Jeans, Jute Handbag, Glasses; Kurta, Cargo, Blue Beret, Glasses,
Just for a few Hours that Day, some Nine Years ago, We were Together.

अच्छा

मौसम स्लेटी रंग का दिन भर, सो तबियत भी मौसमी
बंद आँखों ने फिर माज़ी से मिल चंद गर्म लफ़्ज़ सुझाए 

जब तुम अच्छा कहती हो तो बहुत ही अच्छा लगता है।

Grey Day Blue Mood, Lidded Eyes suggested Warm Words
Feels Really Very Good, When it's You who says it's Good.

हरी बिंदी

खोखला, अकेला, मायूस सा भी महसूस होता है 
बस याद किया करता हूँ और, देखने का इंतज़ार

नाम के साथ तुम्हारे वो नन्ही सी हरी बिंदी, बस।

Often feel Empty, Alone, Low, then just Reminisce and Wait,
Just to See that Little Green Dot besides your Lovely Name. 

Monday, October 13, 2014

ध्रुव तारा

कुछ कम मिली हैं साँसें उम्र भर के लिए, बांटीं है हर दिन को गिन-गिन 
दिन हाँफते है साँसें पूरी नहीं पड़तीं उन्हें, उम्र भी शायद कम ही मिली है

ध्रुव तारा हो तुम मेरा, उफ़क़ पर देख तुम्हे मैं अपने रास्ते खोजे जाता हूँ।

Few Breaths Un-enough for the Day, Few Days lesser for the Life,
Seeing You on My Horizon I make my Path, You are My Pole Star.

साढ़े चार हज़ार

नदियाँ मैदान घाट पहाड़ जंगल वादियाँ
कुछ साढ़े चार हज़ार मील हैं दरमियान 

पल नहीं एक भी जब तुम मेरे क़रीब नहीं।

Some Four and Half Thousand Miles in Between,
Yet there's No Moment when You aren't With Me.



पीज़्ज़ा

भोर सुबह की कॉफ़ी में उबल जाती है
रश ऑवर ट्रैफ़िक में साँझ खो जाती है

थक गए हैं, आज पीज़्ज़ा मंगा लेते हैं।

Dawn Boils in the Coffee, Dusk lost in Traffic,
Too Tired today are We, Let's order for Pizza.

Sunday, October 12, 2014

पहचानोगी?

जलती नम छलकती आँखें 
धड़कता सर्द हाँफता सीना

मिलो तो पहचानोगी न मुझे?

Burning Moist Eyes, Chilly Wheezy Chest,
Would You Recognize Me when we Meet?

मानो

जनवरी की आखिर थी सबसे खूबसूरत ज़िन्दग़ी की मेरी
जिसकी कल्पना में सारे लफ्ज़ थे वो सचमुच में मिल गई

सच मानो जाना, तब भी था आज भी बहुत सादा सा हूँ में।

Life Peaked end of January, Found for Real My Words' Muse,
Please do Believe Me Dear, I was Then, Still I am, As Simple.

Saturday, October 11, 2014

कैसे

बवण्डर है, सिसकता सा
इक अन्धेरा डर उठता है

ज़रा कहो, कैसे कहूँ तुमसे?

A Moaning Storm, Stirs Dark Fears,
Just Tell Me, How am I to Tell You?

वादे

एक ही तो है, वो कब का दे दिया ख़ुशी से
जीना भी इक बार का ही, वो भी हवाले है

वादे हैं, तुमसे किए हैं, टूट कैसे सकते हैं?!

One, Happily Given, One Life, Dedicated too,
Promises made to You, How can they Break?!

इज़हार

छः लफ्ज़ हिन्दुस्तानी में तीन अंग्रेजी में हैं, नर्म से
बेधड़क, पूरी शिद्दत हर रोज़, बस इज़हार होता रहे

तुम सोचती हो न, 'पाग़ल, किस दुनिया में रहता है?!'

Six in Hindustaani, Three in English of Passionate Expression, Everyday
'Which World is He, that Crazy, living in?!', You do Wonder, don't You?

तवज्जो

महीनों से सर्द सी है बात चीत, पर वो है तो सही
कभी आँच बढ़ती है तो अच्छी लगती है तवज्जो

चाहे छोटा, हर जवाब से तुम्हारे खुश हो जाता हूँ।

Been long Cold yet the Rare Warmth feels Good, Attentive
Even if it's Tiny, Your every Response Assures Happiness.

Friday, October 10, 2014

जाड़े

लफ़्ज़ लबों से गर्म भाप में निकलते हैं
सुबह ओस में भीगी अंगड़ाईयाँ लेती है

बाँहों में भर लूँ आओ, ठंड न लग जाए।

Warm Misty Words, Languid Dew Kissed Dawns,
Come into My Arms Dear, lest You catch a Cold.

भोर

कोहरा सर्द गहरा इक अर्से का
उस लम्बी रात संग छट गया

नई भोर सी आई हो तुम रौशन।

Thick Fog Lifted, Long Night Passed,
Like a Bright New Dawn You Arrived.


पूरा चाँद

रात परोसी आज
सोने की थाली में

वहाँ चाँद यहाँ तुम।

Night, on a Platter of Gold,
There the Moon, Here You.

लिखा

दर्द सा था दिन भर, जाने क्या
सियाही काग़ज़ से राहत मिली

बस तुम्हारा नाम ही लिखा मैंने।

Day of a Pain Unknown
Relieved by Ink & Paper

I  just Wrote Your Name.

Thursday, October 9, 2014

सुकूं

महकती कुनकुनी सी धुंध उठी है माज़ी से हौले हौले
ज़हन पर यूँ छाई है के जागते हुए भी नींद सा सुकूं है

नन्हे ख़त तुम्हारे तूम्हारे वो एसएमएस और तस्वीरें।

A Warm Fragrant Mist rises Languid off the Memories Past
Haunting Consciousness into a Pleasant Sleep while Awake

Your Little Letters, Your SMSes and of course Your Pictures.

शुक्रिया

मिट्टी धुल हो रही थी जड़ें खोखली
मरता यह पौधा फिर कैसे जी उठा 

सच जाना, बहुत शुक्रिया तुम्हारा।

Hollow Roots, Dry Dirt yet the Dying Revived,
Truly Dear, Thanks to You beyond the World.

चीनी

बहती है चलती है हाँ, बस नज़र भर नहीं आती
साँस बन ख़ून में समाए, ज़िन्दगी बन जाती है

पानी में चीनी सी जाना, घुल गई हो तुम मुझमें।

Flows Invisible, Breathes in the Blood and gives Life,
Just as Sugar in Water dear, You now Flow Within Me.

रोज़ाना

शुरुआत हुई थी कभी कबार से, वहाँ से अक्सर हुआ 
फिर हर रोज़ कुछ रोज़ चल वापिस कभी कबार हुआ 

लिखते लिखते तुम्हे, देखो मैं फिर रोज़ाना हो गया।

Sometimes, Often, Everyday, then Sometimes again,
Since Writing for You, See, I'm Everyday yet Again.

Wednesday, October 8, 2014

नर्म

प्यासी जुबां पर आब
हाँफती रूह की राहत

तुम्हारी नर्म आवाज़।

Nectar for Parched Throat
Deliverance for Tired Spirit

Your Soft Honeydew Voice.

हर लफ़्ज़

ज़ुबाँ पे कड़वा लगता है बुरा कह देना किसीको भी
झूठ लबों को, दिल को तेज़ाब सा जलाने लगता है

तुम न मनो शायद, हर लफ़्ज़ मेरा तुम ही तो हो।

Tongue Bitters, Heart and Lips Burn, thinking Evil & Lies,
You might'n Believe anymore, My every Word is Only You. 

बहने दो

बड़ी नज़ाक़त से पिरोए थे मोती, बिखर गए
ढूंढ बटोर फिर पिरो रहा हूँ, उम्मीद की तार है

मत पोंछो मेरे चेहरे से इन्हे, बस बह जाने दो।

Restringing on Hope the Pearls fallen Astray,
Please don't wipe Them, Let Them just Flow.

सुनोगी?

चाय नहीं पीता फिर भी मैं फिर भी
बैठा था सोचते अकेले उस टपरी पर

फिर लिखा है कुछ, पढ़ूँ तो सुनोगी?

Sat Alone Thinking at the Tea shop, sans Tea,
Written something, would You listen if I Read?.

Tuesday, October 7, 2014

तस्वीर iv

बस पढ़ पढ़ कर ही ख़यालों में गढ़ते, देखा करते थे
फिर सुनकर उस आवाज़ से उनमें रंग भरा करते थे

लफ़्ज़ तो थे ही अर्से से इक, अब तुम्हारी तस्वीर भी।

Been Drawing with Words, Painting with Voice,
Just Your Words for long, now Your Picture too.

तस्वीर iii

इक ओर को झुका माथा, चमकती आँखें काली
इक ओर को सारी ज़ुल्फ़ें, होंठों पर मद्धम हंसी

ग़ज़ल सी लगती हो तुम, नज़्म तुम्हारी तस्वीर।

Tilt of the Head, Black Glinting Eyes
Flowing Locks aside, a Dainty Smile

A Lyric You are, Your Picture a Verse.

तस्वीर ii

अर्से बाद नई तस्वीर देखी तो ज़रा लौट चले माज़ी में
बैठे बैठे जाने कब ग़ुज़र गई रात पुरानी तस्वीरों संग

कम पहनती हो भले, पर बड़ी प्यारी लगती हो साड़ी में।

A New Picture after long, took the Night through Old Ones,
Rarely though You wear it, very Beautiful You are in a Sari.

तस्वीर i

उस हलकी मुस्कराहट से दिल भरा जाता है यूँ
जज़बात समेटे नहीं सिमटते छलक ही जाते हैं

बस देखता ही रह गया मैं नई तस्वीर तुम्हारी।

That Dainty Smiled filled the Heart, it Spilt Over,
All I could do, Look & Look at Your New Picture.

Monday, October 6, 2014

मंज़िल-राह

रोज़ उड़ आता ग़र पंछी होता हवाओं पे उस ओर  
छुप कर ही सही, नज़र भर देख तुम्हे लौट आता

मंज़िल तो मिल गई मेरी, राह उसकी देखता हूँ।

Fly there Daily to See You, if I were a Bird,
My Destination Found, I Await it's Arrival.

Sunday, October 5, 2014

वजह

तलाश थी जाने कबसे खुद की पहचान की
उन आँखों में फिर अपने अक्स में मिल गई

वजह तो जानती हो न तुम मेरे लिखने की।

Found My Lost Self  Reflected in those Eyes,
What Inspires Me to Write, Hope You Know.

लक़ीरें

सियाही क़ाग़ज़ तो वही
अल्फ़ाज़ नहीं, लक़ीरें हैं

तुम्हारी तस्वीर बनाऊँ।

The Ink same and the same Paper,
I Draw You with Lines not Words.

शाम

मटियाले से आसमां पर लटकता 
संतरे सा गोल शाम का ठंडा सूरज

अब जल्द आ जाओ, इंतज़ार मैं हूँ। 

Cold Orange Sun of a Grey Dusk,
Please Come Soon, Am Awaiting.

Saturday, October 4, 2014

कैसे

सीने में वही पुराने लफ्ज़ फस गए हैं 
रह रह के सिसकतीं हैं ये आँखे सूखी 

कैसे कहूँ कितना याद आती हो तुम?

Same Old Words stuck, Eyes run Dry,
How do I say, How much I Miss You.

उस रोज़

मसरूफ़ियत थी रोज़ के ढर्रे में, शायद चंद पल भी थे कुछ अच्छे
मशीनी खोखली लाश बस आती जाती थी, इक खोखले मकां से

शायद न मानो तुम, मैं फिर जन्मा था उस रोज़ नौ महीनों पहले।

A Hollow Corpse Drudged back and forth A Hollow House,
You mightn't Believe, 9 Months ago that Day, I was Reborn.

त्रिवेणी

इस पल इक बात सूझे अगले वही आगे बढ़े 
तीसरे पल कुछ अलग लगे, पर फिर भी वही 

लफ्ज़ हैं मेरे, तुम हो और तुम्हारे लिए त्रिवेणी।

Thoughts Form, then Change, yet seem the Same,
There're My Words, You and for You, the Triveni.

सच

हर छोटी-बड़ी ज़िन्दगी बसती है बहती हवाओं में
धड़कती है चमकते बरसते फ़लक़ की नवाज़िश से 

सब सच है जाना, जो तुम्हे कहा-लिखा करता हूँ।

True as the Sun, Winds and Rains for Life,
True my Dear's All I Write and Say to You.

Friday, October 3, 2014

तुम

आवाज़ में है बातों के लहज़े में
मंज़िलें तय हुई हैं फ़िक्र के परे

क़ाबिल हो तुम ज़हीन हो बड़ी।

Achievements despite Worries,
Able You are as You are Wise.

Thursday, October 2, 2014

शरारत

ख़ुराफ़ात है किसीकी शरारत है
चाँद आसमां से ग़ायब है आधा

फिर पढ़ली न तुमने मेरी डाईरी?

Pranked, Half the Moon off the Sky,
Read my Diary again, didn't You?

ग़ुस्ताख़

बदली हसीं ग़ुस्ताख़ है छुपा लेती है
नम मलमली ओट में रौशन चाँद है

घनी लहरदार काली ज़ुल्फ़ें तुम्हारी।

Trespassing Muslin Veiled Moon,
Lush, Wavy, Black Tresses Yours.

Wednesday, October 1, 2014

मजमुआ

न दास्ताँगो न शायर न नज़्मी ही कोई
अदना सा मजमुआ है कुछ लफ़्ज़ों का

मेरी क़लम से रोज़ाना ही मिलोगी अब।

No Storyteller, No Poet, mere Collector of Words,
Rendezvous hence with my Pen for You, Everyday. 


दास्ताँगो- storyteller; नज़्मी- one who writes nazms
अदना- ordinary; मजमुआ- collection