हौले हौले से जैसे रेशम बहता हो
होश ओ शऊर को सुकूँ में डुबोते
फिर कब सुनूँगा आवाज़ तुम्हारी...
Like Silk Flows and Calms the Senses,
When would I hear Your Voice Again...
होश ओ शऊर- Consciousness and Sense
होश ओ शऊर को सुकूँ में डुबोते
फिर कब सुनूँगा आवाज़ तुम्हारी...
Like Silk Flows and Calms the Senses,
When would I hear Your Voice Again...
होश ओ शऊर- Consciousness and Sense
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