Sunday, October 19, 2014

रेशम

हौले हौले से जैसे रेशम बहता हो
होश ओ शऊर को सुकूँ में डुबोते

फिर कब सुनूँगा आवाज़ तुम्हारी...

Like Silk Flows and Calms the Senses,
When would I hear Your Voice Again...


होश ओ शऊर- Consciousness and Sense

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