Friday, October 10, 2014

लिखा

दर्द सा था दिन भर, जाने क्या
सियाही काग़ज़ से राहत मिली

बस तुम्हारा नाम ही लिखा मैंने।

Day of a Pain Unknown
Relieved by Ink & Paper

I  just Wrote Your Name.

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