बीमार गुज़रे हैं बीते कुछ रोज़ साँसों की तंगी में
माज़ी फिर भी मुस्कान की वजह भेजा करता था
फिर कहूँगा जाना, जो लिखता हूँ वो मेरा सच है।
Past few Ill days, yet Memory sent Reasons to Smile,
I'll say again Dear, What I Write's always My Truth.
माज़ी फिर भी मुस्कान की वजह भेजा करता था
फिर कहूँगा जाना, जो लिखता हूँ वो मेरा सच है।
Past few Ill days, yet Memory sent Reasons to Smile,
I'll say again Dear, What I Write's always My Truth.
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