इक आखिरी सिक्का बचा था जेब में।
किस्मत परखने को अपनी, उसे
आसमान में उछाल दिया।
अपनी भी क्या किस्मत है देखिये,
जेबका आखिरी सिक्का भी आसमान पे
चिपक के आज खुद को चाँद कहता है।
किस्मत परखने को अपनी, उसे
आसमान में उछाल दिया।
अपनी भी क्या किस्मत है देखिये,
जेबका आखिरी सिक्का भी आसमान पे
चिपक के आज खुद को चाँद कहता है।