अकेलापन खोजती रहती है हमेशा सरे आम भी वो
वक़्त बेवक़्त रिसती-छलक पड़ती रेंगती खारी बूँद
तुम्हारी यादें नाव सी डोलती रहती हैं आँखों में मेरी।
Ever seeking solitude, even when with company, that
Time-untimely, seeping-spilling crawling saline drop,
Your memories're boats adrift, in my brimming eyes.
वक़्त बेवक़्त रिसती-छलक पड़ती रेंगती खारी बूँद
तुम्हारी यादें नाव सी डोलती रहती हैं आँखों में मेरी।
Ever seeking solitude, even when with company, that
Time-untimely, seeping-spilling crawling saline drop,
Your memories're boats adrift, in my brimming eyes.
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