Friday, December 13, 2013
चम्पी
स्लेटी बादल धूल में लिपटे कत्थई पड़ गए थे
बड़े थके-थके से थे के बस अब बरस ही पड़ें
आओ ज़रा ठंडी चम्पी कर दूँ, नींद आ जाएगी।
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