Sunday, July 27, 2014

कुछ बात

ख़्वाब हैं कई पर ज़ाहिर नहीं होते
इंतज़ार में है कि बस नींद आ जाए

अर्सा हो गया, आओ कुछ बात करें।

Many Dreams, yet to be Dreamt
Awaiting Sleep for the Unslept.

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