ज़ुल्फ़ों से झाँकती, मुस्काती, झुकती पलकें
सिर्फ ख़याली है सब, मुख़ातिब कुछ न बचा
तस्वीर अब एक भी नहीं मेरे पास तुम्हारी।
Droopy Eyes, Smile through a Veil of Tresses, Not a single Picture of Yours I have Anymore. मुख़ातिब - Face to Face, here it is interpreted as to 'be present or exist in reality'.