जाने कितनी बाक़ी, जाने और कितनी गहराईं हैं ये जड़ें,
खोदते खोदते डर है कहीं वो ज़मीन ही न ख़त्म हो जाए
हर कोशिश भुलाने की तुम्हे मुझे कतरों में मिटा रही है।
Wonder how much're left and how deeper these roots run,
Afraid no more earth might remain trying to dig them out,
Every attempt to forget you leaves lesser and lesser of me.
खोदते खोदते डर है कहीं वो ज़मीन ही न ख़त्म हो जाए
हर कोशिश भुलाने की तुम्हे मुझे कतरों में मिटा रही है।
Wonder how much're left and how deeper these roots run,
Afraid no more earth might remain trying to dig them out,
Every attempt to forget you leaves lesser and lesser of me.
No comments:
Post a Comment