क्या सुनता है कोई; ये किसके लिए लिखता हूँ
क्या मायने बचे हैं कोई इन चुने हुए लफ़्ज़ों के
सुना है, उम्मीद की डोर अक़्सर दिखती नहीं।
Does anyone listen; whom do I still write for,
Do meanings still exist in these picked words,
The thread of hope is often invisible, I hear.
क्या मायने बचे हैं कोई इन चुने हुए लफ़्ज़ों के
सुना है, उम्मीद की डोर अक़्सर दिखती नहीं।
Does anyone listen; whom do I still write for,
Do meanings still exist in these picked words,
The thread of hope is often invisible, I hear.