Sunday, January 1, 2023

दुआएँ

फिर सोच मजबूर है, वक़्त के वुजूद के सवाल पर
क्या वक़्त ग़ुज़र रहा है या वक़्त से हम ग़ुज़र रहे हैं 

साल नया है ज़रूऱ पर दुआएँ उसी साफ़ दिल से हैं। 

Thought once again is compelled by the existence of time
Is it time which passes by or is it us passing through time

The Year is New, the wishes hail from the same old heart!