Wednesday, July 17, 2013

गोद

भीगा थका, बरसात में चलता घर पहुँचा 
नींद छाता लिए दरवाज़े पर खड़ी थी।
"थक गए होगे, आओ अपनी गोद में सुला दूँ।"

1 comment:

  1. Waah... sahi hai..!!
    Kitna achha ho..gar waakai aisa ho...!!!

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