बस ख़ाली धौंकनी सा सीना है आग जिसकी बुझ गई है
हरक़त जो भी होती है, बस ख़रीदी हुई साँसों की होती है
कभी कभी जाना, अपने ज़िंदा होने पर भी शक़ होता है।
Fireless Bellows of a Hollow Chest, moving only of Paid Breaths,
Often Times My Dear, a Doubt eats at me if I am still Truly Alive.
हरक़त जो भी होती है, बस ख़रीदी हुई साँसों की होती है
कभी कभी जाना, अपने ज़िंदा होने पर भी शक़ होता है।
Fireless Bellows of a Hollow Chest, moving only of Paid Breaths,
Often Times My Dear, a Doubt eats at me if I am still Truly Alive.
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