मद्धम सा बह निकलता है अचानक
सिसकता सा हिचकता सा वो नमक
बिन कहे आती हैं यादें, भीग जातीं हैं।
Sobbing, Doubtful flows the Salt,
Memories Unannounced, Moisten.
सिसकता सा हिचकता सा वो नमक
बिन कहे आती हैं यादें, भीग जातीं हैं।
Sobbing, Doubtful flows the Salt,
Memories Unannounced, Moisten.
No comments:
Post a Comment