Saturday, June 25, 2016

मैं?

वो पत्थर नहीं जिसे गुज़रती हवा तराश दे
दीवार ईंट की जो बस कतरा कतरा बिखरे

सुना है के मैं हूँ, क्या सचमुच ये मैं ही हूँ?

Not like a wind carved stone,
Rather a disintegrating wall,

Heard it's me; really is it me?

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