वो पत्थर नहीं जिसे गुज़रती हवा तराश दे
दीवार ईंट की जो बस कतरा कतरा बिखरे
सुना है के मैं हूँ, क्या सचमुच ये मैं ही हूँ?
Not like a wind carved stone,
Rather a disintegrating wall,
Heard it's me; really is it me?
दीवार ईंट की जो बस कतरा कतरा बिखरे
सुना है के मैं हूँ, क्या सचमुच ये मैं ही हूँ?
Not like a wind carved stone,
Rather a disintegrating wall,
Heard it's me; really is it me?
No comments:
Post a Comment