Wednesday, January 4, 2017

गैरहाज़िरी

सियाही को नज़्मों की ज़िद है
क़ाग़ज़ को दास्ताँ का इंतज़ार

तुम्हारे न रहते, सब कोरा है।

The ink insists upon verses,
The paper waits for stories,

In your absence, all's blank. 

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