मिट्टी और पानी से गुंदे जाते हैं ख़यालात
उँगलियाँ इक दूजे से जैसे सी देतीं हैं हाथ
जो अर्से से ख़याल ही थी अब हक़ीक़त है।
Thoughts mould together like earth and water
Fingers, almost stitch the hands to each other
Who for long was only imaginary, is now real.
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