किसी नज़्म सी उन्हें पढ़ लूँ ये कोशिश करता हूँ
पहेली सी बूझने की या ग़ज़ल सी गुनगुनाने की
जाने कब क्या कहतीं हैं, तुम्हारी चमकतीं आँखें।
I try that I might read them like some verse,
Solve like a riddle or hum them like a song,
Wonder what do they say, your shining eyes.
पहेली सी बूझने की या ग़ज़ल सी गुनगुनाने की
जाने कब क्या कहतीं हैं, तुम्हारी चमकतीं आँखें।
I try that I might read them like some verse,
Solve like a riddle or hum them like a song,
Wonder what do they say, your shining eyes.
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