बहार आता है अंदर भी हर कभी कभी
पर नज़र अंदाज़ ही होकर रह जाता है
और आती भी तो नहीं तुम आज कल।
The Within Emerges now & then, but Ignored,
You too, no longer Visit Anymore, as You Did.
पर नज़र अंदाज़ ही होकर रह जाता है
और आती भी तो नहीं तुम आज कल।
The Within Emerges now & then, but Ignored,
You too, no longer Visit Anymore, as You Did.
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