लम्बा था दिन बड़ा, बहुत थक गया हूँ
फिर भी न जाने नींद क्यों आती नहीं है
पुकार लो लोरी से उसे, शायद आ जाए।
It was a long day and I am too tired,
Yet don't know why I still can't sleep,
Call it with a lullaby and I just might.
फिर भी न जाने नींद क्यों आती नहीं है
पुकार लो लोरी से उसे, शायद आ जाए।
It was a long day and I am too tired,
Yet don't know why I still can't sleep,
Call it with a lullaby and I just might.
अच्छी कविता ..........तो नहीं कहूँगी .....क्षणिका है यह .........जानदार अभिव्यक्ति ...........
ReplyDeleteशुक्रिया आंटी जी; पर क्षमा कीजिएगा, आपने जिस प्रकार अपने वाक्य का विभाजन किया है, उस से आपका तातपर्य मैं कुछ ठीक नहीं समझ पाया.
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