Sunday, September 1, 2013

लोरी

लम्बा था दिन बड़ा, बहुत थक गया हूँ
फिर भी न जाने नींद क्यों आती नहीं है

पुकार लो लोरी से उसे, शायद आ जाए।

It was a long day and I am too tired,
Yet don't know why I still can't sleep,

Call it with a lullaby and I just might.

2 comments:

  1. अच्छी कविता ..........तो नहीं कहूँगी .....क्षणिका है यह .........जानदार अभिव्यक्ति ...........

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया आंटी जी; पर क्षमा कीजिएगा, आपने जिस प्रकार अपने वाक्य का विभाजन किया है, उस से आपका तातपर्य मैं कुछ ठीक नहीं समझ पाया.

      Delete