हो क़लम की या छपाई की ही
क़ाग़ज़ का वुजूद है सियाही से
तुम आओ तो मकान घर होगा।
Paper's Worth is when with Ink
House is Home when with You
क़ाग़ज़ का वुजूद है सियाही से
तुम आओ तो मकान घर होगा।
Paper's Worth is when with Ink
House is Home when with You
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