Tuesday, August 5, 2014

लोरी

थकी जागती आँखों में रात रोज़ सुलगती रहती है
धुएँ में कभी सब घुटता है कभी सुन्न पड़ जाता है 

मुसकुराते पुकारना मुझे, अर्सा हो गया लोरी सुने।

Nights keep Burning in Numb Breathless Eyes
Call me with a Smile, been long since a Lullaby

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