Tuesday, August 26, 2014

तुम्हारा

कुछ रोज़ की छोटी छोटी बातें हैं और कुछ कभी कभी की
मौसमों सी होतीं हैं ख़ुशियाँ अब बदले न जाने कब बदले 

आवाज़, बातें, आँखें, हँसी, मुस्कान और तुम्हारा लिखा।

As Fleeting as the Weather, Moments of Happiness,
Some Everyday Littles Few Rares but All, from You.



 

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