कुछ रोज़ पहले लिखा था वक़्त पर
पुल है अपना-अपना, सब ग़ुज़रते हैं
चला नहीं जाता अब, ज़रा हाथ दोगी?
Time as a Bridge, Each walks it's Own
At my Tired End now, lend me a Hand?
पुल है अपना-अपना, सब ग़ुज़रते हैं
चला नहीं जाता अब, ज़रा हाथ दोगी?
Time as a Bridge, Each walks it's Own
At my Tired End now, lend me a Hand?
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