पानी बहता था कभी कब का सूख गया
बचा नमक जम गया है, आँखें जलती हैं
गश्त में रहूँगा तुम्हारी वापसी की राह पर।
Just Salt remains in Dry Burning Eyes,
Vigilant on the Path of Your Return
बचा नमक जम गया है, आँखें जलती हैं
गश्त में रहूँगा तुम्हारी वापसी की राह पर।
Just Salt remains in Dry Burning Eyes,
Vigilant on the Path of Your Return
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