पौ फटी है जैसे हलकी गुलाबी
कुनकुने यूँ जैसे ओसीली धूप
यूँ पकड़ा था हाथ तुमने मेरा।
Like that pale pinkish dawn,
Like the warm dew of morn,
The way you held my hand.
कुनकुने यूँ जैसे ओसीली धूप
यूँ पकड़ा था हाथ तुमने मेरा।
Like that pale pinkish dawn,
Like the warm dew of morn,
The way you held my hand.
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