Sunday, February 7, 2016

रेत की ईंटें

सौंधी हवा थी, झीनी बूँदें
कब आँधी, कब बाढ़ हुई

रेत की ईंटें थीं, ढह गयी।

Breeze, Sprinkles to Storms, Floods
Just Bricks of Sand, thus Collapsed.



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