Monday, October 14, 2013

भाप

इस मौसम, ग़ुज़रे वक़्त की नम भाप
हमारे आज पर बूँदें बन बरस पड़ती हैं

जज़्बात सभी, सीले-सीले से लगते हैं।

This season, the moist steam of time past,
Turns into drops, raining upon our today,

Every feeling, every emotion seems damp.

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