एक बात कहूं तुमसे,
बात मगर कल की है
खैर जाने ही दो उसे,
बात तो ये कल की है.
"अब कह भी दो, तो क्या
गर बात वो कल की है."
अब आज कहके क्या फायदा
बात तो आखिर कल की है.
"यूँ छेड़ के बात न छोड़ो,
बात भले वो कल की है."
"कुछ तो ज़हन में है तुम्हारे, बस
कह दो वो बात जो कल की है"
ये आखें, हँसी, ज़िद, ये गुस्सा सब
भा गए, पर वो बात कल की है.
आगे की फिर कभी कहूँगा,
वो बात भी फिर कल की है.
No comments:
Post a Comment