Friday, October 7, 2011

नया ख्व़ाब

रोज़ के बासी ख़्वाबों के बजाय
कल एक नया ख्व़ाब देखा है.
खुद को किताब लिए झूले पर
और ख़त्म सारे काम-काज देखा है.

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