Wednesday, September 3, 2014

लिखूँगा

इक टुकड़े सा मेज़, कतरे सी कुर्सी
डिब्बे सा कमरा, टाँगी सी खिड़की

हर सूरत में तुम्हारे ही लिए लिखूँगा।

Fragmented Furniture, Boxed Room,
Wherever it may, I Write just for You.

No comments:

Post a Comment