नफ़रत भरे कभी चुभते से कभी लफ़्ज़
न मजबूरी न ही बंदिश कोई सुनने की
बावजूद सबके, यक़ीन है मुझे हम पर।
Sharp Words Accepted without Compulsion,
Despite All, My Belief remains Strong in Us.
न मजबूरी न ही बंदिश कोई सुनने की
बावजूद सबके, यक़ीन है मुझे हम पर।
Sharp Words Accepted without Compulsion,
Despite All, My Belief remains Strong in Us.
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