गुज़रते वक़्त के क़तरे माज़ी पर टूट बिखरे हैं
परत दर परत जमते हैं उन पर नम जज़्बात
जिस्म पे मेरे यादें उगतीं हैं, महकतीं हैं तुमसी।
Moist Emotions Layer Slivers of Times Past,
My Form Grows Memories of Your Essence.
परत दर परत जमते हैं उन पर नम जज़्बात
जिस्म पे मेरे यादें उगतीं हैं, महकतीं हैं तुमसी।
Moist Emotions Layer Slivers of Times Past,
My Form Grows Memories of Your Essence.
No comments:
Post a Comment