Sunday, September 7, 2014

साफ़

धोखा न भुलावा, न फ़रेब की कोई गुंजाइश ही कभी
लाख़ मुखौटों के बावजूद भी अक़्स झूठ नहीं बोलता

ख़ुद को इतना साफ़ देखता हूँ मैं, तुम्हारी आँखों में।

No fraud, no misdirection nor a chance of any deceit,
Despite many million masks, reflection will never lie,

I see myself with such clarity, reflected in your eyes.

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