धोखा न भुलावा, न फ़रेब की कोई गुंजाइश ही कभी
लाख़ मुखौटों के बावजूद भी अक़्स झूठ नहीं बोलता
ख़ुद को इतना साफ़ देखता हूँ मैं, तुम्हारी आँखों में।
लाख़ मुखौटों के बावजूद भी अक़्स झूठ नहीं बोलता
ख़ुद को इतना साफ़ देखता हूँ मैं, तुम्हारी आँखों में।
No fraud, no misdirection nor a chance of any deceit,
Despite many million masks, reflection will never lie,
I see myself with such clarity, reflected in your eyes.
Despite many million masks, reflection will never lie,
I see myself with such clarity, reflected in your eyes.
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