Monday, September 29, 2014

नींद

थक गया है ज़हन बड़ा, ख़ामोशी ढूंढता है
माज़ी न जाने क्यों बस बोलता ही रहता है

मेरी नींद तुम्हारे ही साथ रह गई है, देखो।

Mind seeks Silence but Memories Talk,
My Sleep, See, Remains just with You.

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