शीशे में सिर्फ जिस्म भर का अक़्स दीखता है
बंद आँखों के पर्दों पर रूह का अक्स दीखता है
खुद से आजकल मैं बस तुम्हारी बातें करता हूँ।
Mirror reflects Body, Lidded Eyes the Spirit,
I Speak to Myself these days Only about You.
बंद आँखों के पर्दों पर रूह का अक्स दीखता है
खुद से आजकल मैं बस तुम्हारी बातें करता हूँ।
Mirror reflects Body, Lidded Eyes the Spirit,
I Speak to Myself these days Only about You.
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