Saturday, October 18, 2014

बुलबुला

एहसास सा इक ज़रूर है उसका पर नज़र नहीं आता वो
कई बार टूटा टूटा मालूम होता है, पर फिर बन जाता है

तुम शायद कहोगी, 'अपने ही बुलबुले में रहते हो तुम।'

Oft Felt yet Invisible, Oft Crumbled yet Restored,
You might say, 'You just live in your own Bubble.'

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