Tuesday, October 28, 2014

मुख़ातिब

रात भर जुड़ीं रहतीं हैं हथेलियाँ
या क़लम से मुख़ातिब रहती हैं

ज़रिये हैं मेरे इबादत में तुम्हारी।

Folded through the Night or with a Pen,
My Media All for My Obeisance to You.

  

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