धोखा न भुलावा, न फ़रेब की कोई गुंजाइश ही कभी
लाख़ मुखौटों के बावजूद भी अक़्स झूठ नहीं बोलता
ख़ुद को इतना साफ़ देखता हूँ मैं, तुम्हारी आँखों में।
No fraud, no misdirection nor a chance of any deceit, Despite many million masks, reflection will never lie, I see myself with such clarity, reflected in your eyes.
आँखें बंद थीं मुस्कुरातीं, मगर देख रहीं थीं सब
सुकूँ सी ख़ामोशी थी, कानों में गूँज रही थी धुन
लिखूँगा इक गाना कभी मैं, सिर्फ तुम्हारे लिए।
Smiling eyes though closed, were seeing everything, A silence of peace but for with the echoes of a tune, Some day I will write a song, only and only for you.