Tuesday, August 23, 2011

बस, ये ही.

थकी आँखें,
थकी साँसें,
थकी धड़कन,
थका सा मन.

न आस दिखे,
न घुटन मिटे,
न चैन पड़े,
न ही राह सूझे.

इक कतरा आंसू,
इक  छोटी सिसकी,
इक हल्का दिल,
इक शांत सा मन.

बस, ये ही.

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