Monday, December 5, 2011

घर वाली गाड़ी

मूंग-तुअर की दल में
माँ की डांट का तड़का,
गर्म गोल फुल्कों पर
बहन के तानों की सेंक.
सब्ज़ियों की भाजी में
बाबा के मज़ाक का स्वाद.
और गिलास भर पानी संग
भाई की शांत मुस्कुराहट.
बस कुछ और घंटे बचे हैं
घर वाली गाड़ी पकड़ने में.

1 comment: