जो गुज़रा, ज्यों गुज़रा, कब गुज़रा
वो वक़्त ही था, सो पता न चला.
चंद लम्हे यहाँ-वहाँ कुछ ठहरे हैं,
बाकी वक़्त था, तो पता न चला.
उन लम्हों को संभाल कहीं रखा था,
वो उस वक़्त था, अब पता न चला.
एक-एक आज ढूँढा सो मिल रहे हैं,
यूँ गुज़रा वक़्त है, कब पता न चला.
वो वक़्त ही था, सो पता न चला.
चंद लम्हे यहाँ-वहाँ कुछ ठहरे हैं,
बाकी वक़्त था, तो पता न चला.
उन लम्हों को संभाल कहीं रखा था,
वो उस वक़्त था, अब पता न चला.
एक-एक आज ढूँढा सो मिल रहे हैं,
यूँ गुज़रा वक़्त है, कब पता न चला.
No comments:
Post a Comment