बात शायद मेरी पाँचवी जमात की है
मैं भूगोल में कमज़ोर हुआ करता था.
अमरीका के ऊँचे बर्फीले पहाड़ मैं,
रूस के मैदान में बताया करता था.
ये कभी मेरी समझ में नहीं आता था,
ये क्यों नदी और वो क्यों नाला था.
मैं अक्सर सोच में पड़ जाता था,
कहीं बाढ़, कहीं जल सूखके काला था.
बचपन में दादी-नानी कहतीं थीं,
ये भू गोल भगवान् ने बनाया है.
अब मैं सोचता हूँ के ये भूगोल क्या,
भगवान् को किस ने पढ़ाया है?
मैं भूगोल में कमज़ोर हुआ करता था.
अमरीका के ऊँचे बर्फीले पहाड़ मैं,
रूस के मैदान में बताया करता था.
ये कभी मेरी समझ में नहीं आता था,
ये क्यों नदी और वो क्यों नाला था.
मैं अक्सर सोच में पड़ जाता था,
कहीं बाढ़, कहीं जल सूखके काला था.
बचपन में दादी-नानी कहतीं थीं,
ये भू गोल भगवान् ने बनाया है.
अब मैं सोचता हूँ के ये भूगोल क्या,
भगवान् को किस ने पढ़ाया है?
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