एक अंग्रेजी फिल्म की लाइन थी-
"ज़िन्दगी, आपने कितनी साँस ली
उस से नहीं गिनी जाती, बल्कि
उन लम्हों से जिन में आपकी साँसे,
खुद थम जाएँ."
कल श्याम कुछ ऐसा ही देखा मैंने.
हरे लॉन मैं कई सौ खुश चेहरे,
दोस्तों के और उनके परिवारों के
और इन सब के बीच, हमारे
पडोसी मुल्क से आए मेहमां-
नन्हे-नन्हे लाखों परिंदे जो
ढलते सूरज को बिदाई देते हुए
एक साथ पेड़ों से उठ उड़ पड़े.
यूँ लगा जैसे एक बड़े बादल के
सैकड़ों पर निकल आए हों और
वो उड़के उन हसते चेहरों के साथ
उनकी खुशियाँ बाँटने आया हो.
क्या पता किसी और ने भी कुछ
ऐसा महसूस किया या नहीं, पर
उस पल, पल भर के लिए,
मेरी साँस थम सी गयी और मुझे
उन परिंदों के चेहरे हसते हुए और
वो हसते चेहरे चहचहाते नज़र आए.
"ज़िन्दगी, आपने कितनी साँस ली
उस से नहीं गिनी जाती, बल्कि
उन लम्हों से जिन में आपकी साँसे,
खुद थम जाएँ."
कल श्याम कुछ ऐसा ही देखा मैंने.
हरे लॉन मैं कई सौ खुश चेहरे,
दोस्तों के और उनके परिवारों के
और इन सब के बीच, हमारे
पडोसी मुल्क से आए मेहमां-
नन्हे-नन्हे लाखों परिंदे जो
ढलते सूरज को बिदाई देते हुए
एक साथ पेड़ों से उठ उड़ पड़े.
यूँ लगा जैसे एक बड़े बादल के
सैकड़ों पर निकल आए हों और
वो उड़के उन हसते चेहरों के साथ
उनकी खुशियाँ बाँटने आया हो.
क्या पता किसी और ने भी कुछ
ऐसा महसूस किया या नहीं, पर
उस पल, पल भर के लिए,
मेरी साँस थम सी गयी और मुझे
उन परिंदों के चेहरे हसते हुए और
वो हसते चेहरे चहचहाते नज़र आए.
Wow Sambit!
ReplyDeleteThanks buddy :)
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